Kolkata ke jadu ne
shadishuda aurat bna diya 6-12
अंकल जी के कमरे में
पहुँचते ही मैं बेड की तरफ
बढ़ी, शायद अंकल
जी मेरा इंतजार
करते सो चुके
थे, मैं भी
उनके पास जाकर
लेट गई, अंकल
जी भी पूरे
कपड़े निकाल कर
लोअर पहन कर
सो रहे थे,
मैं बड़ी सावधानी
से बिना कोई
आहट किए लोअर
के ऊपर से
अंकल जी के
लण्ड को सहलाते
हुए अंकल जी
को
चूमने लगी।
चूमने लगी।
अंकल जी नींद
से जाग चुके
थे पर अपनी
तरफ से कोई
हरकत नहीं कर
रहे थे। मैं
पागलों की तरह
अपने तन को
अंकल जी के शरीर
से रगड़ने लगी
और फुसफुसा कर
बोली- क्या हुआ
मेरे जानू? गुस्सा
हो गए क्या?
देखो ना तुम्हारी
माया कितनी प्यासी
है, इसको आपका
लण्ड चाहिए जान,
मेरे तन बदन
में लण्ड डाल
कर मेरी चुदाई
करो, देखो ना
मैं सबकुछ छोड़कर इतनी
रात खुद को तुम्हारी आगोश में सौंपने आयी हूँ, चोदो ना
आहह्ह जानू, लो
मेरी बूब्स दबाओ!
और मैंने अपना एक बूब्स अंकल जी के हाथ में दे दिया।
और मैंने अपना एक बूब्स अंकल जी के हाथ में दे दिया।
अंकल जी भींच
भींच कर दबाने लगे और मैं
अंकल के बालो
को सहलाते हुए
बूब्स दबवाती रही।
तभी अंकल ने मुझे खड़ा किया मेरी साड़ी अपने हाथों से पकड़ी और खींच दी मैं बेड पर पेटीकोट ब्लाउज में जा गिरी फिर अंकल जी मुझे पलट कर मेरे ऊपर आकर बैठ गए।
तभी अंकल ने मुझे खड़ा किया मेरी साड़ी अपने हाथों से पकड़ी और खींच दी मैं बेड पर पेटीकोट ब्लाउज में जा गिरी फिर अंकल जी मुझे पलट कर मेरे ऊपर आकर बैठ गए।
पहले मेरे ब्लाउज
के हुक खोले,
मुझे बहुत शर्म
भी आ रही
थी, लेकिन अपने
साथ होने वाली
इस हरकत का
मजा भी बहुत
आ रहा था,
इसलिए न चाहते
हुए भी कुछ
कह नहीं पा
रही थी| ब्लाउज खोलते ही अंकल जी मुंह फटा का फटा रह गया कि एक सी.डी.
(CD) के बूब्स भी इतने बड़े हो सकते हैं| फिर मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे निप्पल को
छोटे बच्चों की तरह चूसने काटने लगे|
ये कहानी आप Real Crossdressing Stories II पर पढ़ रहे हैं|
अंकल जी मेरे
बूब्स चूसते मसलते हुए अपने
दूसरे हाथ से
मेरा पेटीकोट का
नारा खींचकर पेटीकोट
नीचे करके पैंटी
के ऊपर से
मेरी सिलिकॉन योनि को
भींचते हुए अंकल
जी ने मेरी
पैंटी भी उतार
फेंकी और अपना
मुँह मेरी सिलिकॉन चूत पर
लगा कर मेरे तन बदन
का रसपान करने
लगे।
और जैसे ही
अंकल के होंठ
मेरे प्यासे बदन पर गए,
मैं मचल उठी
‘आहह्ह सीइइइ’ मेरी मादक
सिसकारी कुछ तेज
निकल गई, अंकल
जी ने अपना
हाथ मेरे मुँह
पर रख कर
इशारा किया कि
उनके और मेरे
सिवा कोई और
है!
और फिर मेरी चूत को चपड़ चपड़ चाटने लगे और मैं अपना बदन उठा उठाकर चटवाती रही।
मैं सिसकारियों को अपने होठों से दबाकर अंकल से अपनी सिलिकॉन चूत की सन्तरे की सी फांकों चुसवा रही थी।
और फिर मेरी चूत को चपड़ चपड़ चाटने लगे और मैं अपना बदन उठा उठाकर चटवाती रही।
मैं सिसकारियों को अपने होठों से दबाकर अंकल से अपनी सिलिकॉन चूत की सन्तरे की सी फांकों चुसवा रही थी।
तभी अंकल चूत
चाटना छोड़कर नीचे
खड़े हो गए
और मुझे खींच
Dick को मेरे
मुंह में दे
दिया, मैं मुँह
खोल कर अंकल
के Dick के
सुपारे पर जीभ
फिराते हुए लण्ड
पूरे मुँह में
भरकर आगे पीछे
करके चूसती रही,
कभी Testicle को
चाटती तो कभी
सुपारे को और
कभी पूरा Dick
मुँह में ले
लेती और अंकल
जी मुँह में
ही धक्का लगा
देते, जैसे मेरा
मुंह नहीं चूत
हो!
और मैं ‘गुग्ग्ग्ग्गुगू’ करते हुए Dick चूसती रही। लण्ड चाटते हुए मुझे अंकल का लण्ड कुछ Thick लग रहा था।
और मैं ‘गुग्ग्ग्ग्गुगू’ करते हुए Dick चूसती रही। लण्ड चाटते हुए मुझे अंकल का लण्ड कुछ Thick लग रहा था।
और तभी अंकल
ने अपना लण्ड
मेरे मुँह से
निकाल कर मुझे
Bed पे लिटा
कर मुझे पलटने
को कहा मैं
पलट गई तो
अंकल जी बोले
माया मेरी जान
अब घोड़ी बन
जाओ मैं अंकल
जी कहने पर
घोड़ी बन गई
मेरे दोनों बूब्स
हवा में झूल
रहे थे| तभी
अंकल जी ने
मेरे नितम्बो को
खोलकर उनके बीच
घुटनों पर बैठकर
अपने Dick को
मेरी गांड के छेद पर रखकर ऊपर नीचे करते हुए रगड़ने लगे।
मैं सिसयाते हुए बोली- आहह्ह्ह सीईई मेरे राजा, आपका Dick तो मेरी एक ही चुदाई करके फ़ूल कर मोटा हो गया है।
पर अंकल जी ने मेरी बातों पर ध्यान दिये बिना मेरी मेरे छेद को चौड़ा कर के एक धक्का मारा और आधा Dick मेरी गांड में घुसा दिया।
मेरी गांड के छेद पर रखकर ऊपर नीचे करते हुए रगड़ने लगे।
मैं सिसयाते हुए बोली- आहह्ह्ह सीईई मेरे राजा, आपका Dick तो मेरी एक ही चुदाई करके फ़ूल कर मोटा हो गया है।
पर अंकल जी ने मेरी बातों पर ध्यान दिये बिना मेरी मेरे छेद को चौड़ा कर के एक धक्का मारा और आधा Dick मेरी गांड में घुसा दिया।
‘आहह्ह सीइइ उउफ्फ़’
करते हुए मैं
अपने नितम्ब उछालने
लगी और अंकल
जी ने एक
और तेज शॉट
मार कर अपना
पूरा Dick अंदर
कर दिया और
मैं आहह्ह कर
उठी।
पर अंकल जी ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिए और मेरी आहह्ह अंदर ही रह गई और अंकल जी पेलाई चालू करके मेरे तन बदन की नस नस को चटकाते हुए मेरी गांड चोदते हुए जब अपनी बाहों में लिया तो मुझे कुछ अजीब सा लगा, पर मुझे चुदाई के सिवा कुछ नहीं सूझ रहा था।
पर अंकल जी ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिए और मेरी आहह्ह अंदर ही रह गई और अंकल जी पेलाई चालू करके मेरे तन बदन की नस नस को चटकाते हुए मेरी गांड चोदते हुए जब अपनी बाहों में लिया तो मुझे कुछ अजीब सा लगा, पर मुझे चुदाई के सिवा कुछ नहीं सूझ रहा था।
अंकल जी मेरे
गालों को चूमते
हुए लण्ड गांड
में पेले जा
रहे थे, मेरी
गांड अंकल जी
के Dick के
हर शॉट के
साथ पानी सा फेंक
रही थी और
मैं मदहोश होकर
अपना बदन हिला हिलाकर उठा उठा
कर हिला हिलाकर चुदवाने लगी,
मेरे हिलते उरोजों
को अंकल जी
बेरहमी से मसलते
हुए लम्बे-लम्बे
धक्के मारते हुए
मेरी गांड को
चोदते जा रहे
थे और मैं
‘आहह्ह्ह सीई चोदो
मेरे राजा… अब
तो मैं आपकी
बीवी बन गई
हूँ, चोद चोद
कर मुझे अपनी
बना लो आहह्ह्ह
आआहहह चोद माया का
तन बदन … ले मेरे राजा
मेरी गांड चोद
आहह्ह्ह याआआ राजाआ
और घुसाआ अपनाआआ
Dick’
और अंकल जी बिना कुछ बोले मेरे नितंबों पर थप्पड़ मारते हुए मेरी गांड पेले जा रहे थे।
और अंकल जी बिना कुछ बोले मेरे नितंबों पर थप्पड़ मारते हुए मेरी गांड पेले जा रहे थे।
मैं हर शॉट
पर करहाते हुए
तन मरवाती रही।
तभी एकाएक मेरी सिलिकॉन चूत पानी छोड़ कर झड़ने लगी और मैं घोड़ी बनी गांड में अंकल जी के Dick से चुदाते हुए जांघें भींचकर झड़ने लगी ‘आहह मैं गईइई आहह्ह सीईईई उफ्फ्फ…’
तभी एकाएक मेरी सिलिकॉन चूत पानी छोड़ कर झड़ने लगी और मैं घोड़ी बनी गांड में अंकल जी के Dick से चुदाते हुए जांघें भींचकर झड़ने लगी ‘आहह मैं गईइई आहह्ह सीईईई उफ्फ्फ…’
और मेरी झड़ती
चूत पर भी
अंकल के लण्ड
के झटके मेरी
गांड पर और
बढ़ते गए कम
न हुए और
वो भी पंद्रह
बीस शॉट मारते
हुए एक शॉट
घोड़े की तरह
लगा कर हिनहिनाते
हुए अपना बीज
मेरी गांड में
बोने लगे।
घोड़ी का बदन चुद कर शान्त पड़ गया था, मेरा घोड़ा भी झड़कर मेरी गांड में आखिरी बूंद भी छोड़कर बेड पर लेट गया।
फिर मैं उठी और अंकल के Dick को चाट कर clean किया और ब्रा पैंटी ब्लाउज पेटीकोट पहनकर साड़ी हाथ में लेकर अंकल का माथा चूम कर अपने रूम में जाकर जीतू से चिपक कर सो गई !!
घोड़ी का बदन चुद कर शान्त पड़ गया था, मेरा घोड़ा भी झड़कर मेरी गांड में आखिरी बूंद भी छोड़कर बेड पर लेट गया।
फिर मैं उठी और अंकल के Dick को चाट कर clean किया और ब्रा पैंटी ब्लाउज पेटीकोट पहनकर साड़ी हाथ में लेकर अंकल का माथा चूम कर अपने रूम में जाकर जीतू से चिपक कर सो गई !!
आहह्ह्ह… कहानी जारी है,
छोड़ कर बिलकुल
मत जाना, मैं
आ रही हूँ।
आपकी प्यारी माया
1 comment:
i like this story but it starts with part 6,where is the previous parts?please reupload it is not available in your blog
Post a Comment