Sunday, 5 July 2020

How to become a Crossdresser

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Tuesday, 11 June 2019

मेरी आत्मकथा ( माया )●●【और फिर आया एक डॉग】


आपने पिछली मेरी कहानी [ मेरी आत्मकथा (माया) ] तो पढ़ी थी, अब मैं इस कहानी की आगे सीरीज लिखने जा रही हूं आशा करती हूं आप सभी को बहुत पसंद आएगी।
इस सीरीज के बीच में एक कहानी और भी है जो कि लंबी है उसमें विजय के माता-पिता यानि के मेरे नानी-नाना जो कि अब सास-ससुर हो गए हैं, मेरे औरत रूपी अवतार में वो मुझे पहचान ही नहीं पाए कि मैं उनकी ( नाती ) हूँ। जैसे ही कहानी पूरी होगी मैं आपको याद दिलाते हुए कहानी पोस्ट कर दूंगी।
अब आगे....

मेरी आत्मकथा ( माया )●●और फिर आया एक डॉग

काफी समय बीत गया था, मुझे क्रोसड्रेसिंग करना और विजय की बीवी बनकर अपने पति के प्रति कर्तव्य का पालन करना अब और भी अच्छा लगता था। लेकिन अब मैं घर पर अकेली रह जाती थी तो विरक्ति अनुभव करती थी। क्योंकि विजय को अब एक क्रोसड्रेसर वाइफ के रूप में सर्वगुण सम्पन्न धर्मपत्नी मिल गयी थी तो उन्हें घर की तरफ से कोई चिंतन करने की आवश्यकता नहीं थी। फिर मैंने लैपटॉप लिया और घर बैठे पार्टटाइम कार्य अन्वेषण करने लगी काफी समय बाद मुझे इरो-टिक स्टोरीज के बारे में पता लगा मुझे इरो-टिक स्टोरीज ने अपनी ओर आकर्षित इसलिए भी किया क्योंकि मेरा जीवन भी क्रोसड्रेसिंग वाइफ के बाद कामु-कता से लबालब हो गया था।
मैंने भारतीय वाइफ होने के नाते विजय से इजाज़त लेकर एक रेपुटेटेड कंपनी जॉइन की, मेरी लिखी हुई कुछ स्टोरीज के नमूने कंपनी ने पसंद कर लिए, करीब 6 महीने बाद मेरी इरो-टिक स्टोरीज की किताब पूरी हुई आज उसकी खुशी में मेरे बॉस ने 5 स्टार होटल में मीडिया मीटिंग अरेंज की है। मैं वहां पहुंची लोगों ने मेरा तालिया बजाकर स्वागत किया मुझसे कुछ सवाल किए मैंने उनके रिप्लाई दिए फिर मीटिंग के बाद अपने लिए बुक कराये गए रूम में फ्रेश होने पहुंची। जब मैं बाथरूम में नहा रही थी उस समय मुझे मेरे रूम में आहट सुनाई दी मैं बाथरूम से बाहर निकली
तो देखा मेरे बैड पर मेरी कुछ 20, 25 स्नैप फैला कर रखी हुई थी। ऐसा मेरे साथ पहली बार नहीं हुआ था इससे पहले भी पेपर कटिंग, गिफ्ट्स और पता नहीं क्या-क्या मुझे पहले कोई अजनबी दे चुका है लेकिन बिना किसी सबूत के, मुझे अब लगने लगा था कि मेरा कोई सनकी फैन हो सकता है...मुझसे कह रहा हो पहचान सको तो पहचानो। मुझे उसकी इस हरकत में मज़ा भी रहा था और डर भी लग रहा था। हर ट्विस्टेड कहानी की तरह मेरे और मेरे इस सनकी फैन की कहानी भी मिस्ट्री की तरह शुरू हो चुकी थी, कोई अनजान लड़का मेरे पीछे पड़ चुका था और मेरी ज़िंदगी बदलने वाला था। मैं नज़रअंदाज़ करते हुए तैयार होने लगी।

मैं बाथरूम से पैंटी और पेटीकोट पहन कर ही आई थी|पहले मैंने ब्रा पहनने के लिए प्यार से पीछे का हुक लगाया| और फिर उसमे ब्रैस्टफॉर्म भी भर दिए| छूने में ब्रैस्टफॉर्म बिलकुल असली स्तनों की तरह मुलायम होते हैं| ब्रा का कसाव अपने सीने पर महसूस कर रही थी मैं| लगने लगा जैसे मैं क्रोस्सड्रेसर से पूर्ण औरत बन चुकी हूँ। मैंने पहनने के लिए ब्लाउज बाहों में डाला मेरी बांहों में ब्लाउज की आस्तीन बिलकुल टाइट फिट आई| ऐसा कसाव तो किसी को भी अपनी ओर रिझाने के लिए काफी था| वो ब्लाउज तो जैसे मेरे शरीर का हिस्सा बन गया था| फिर एक एक करके मैंने अपने स्तनों के ऊपर ब्लाउज के हुक लगाये| इसके बाद मैंने साड़ी पहनना शुरू किया| एक बार अपनी कमर के चारो ओर लपेट कर साड़ी में चुन्नट/प्लेट बनायीं और पिन से अपनी कमर में ठोंस दी| साड़ी की चुन्नट का वजन, मेरी कमर से नीचे मुझे खींच रहा था| फिर साड़ी के पल्लू को नाप कर अपने कंधे पर पिन लगाई|
जब साड़ी मेरे ब्लाउज के ऊपर से लिपट कर मुझ से एक हो गई तो ऐसे लगा कि विजय मेरे पास होते और मुझे गले लगा लेते| सच कहूं तो मैं अपने जीवन में आये इस नये बदलाव से बहुत खुश थी| मुझे और किसी चीज़ की आवश्यकता नहीं थी| फिर मैंने चूड़ियां पहनी| चूड़ियों के साथ अब मेरी कलाई औरत की तरह नाज़ुक लगने लगी थी| फिर अपना मेकअप किया और नेल पोलिश भी लगायी| खुद को जब मैंने आईने में देखा तो अपने आप को देखकर मैं उत्तेजना में सिहर गयी थी, मैं एक बेहद सुन्दर औरत लग रही थी|
मैंने अपने माथे पर एक लाल बिंदी लगा दी| अब मैं मुस्कुराती हुई पूर्ण औरत बन गयी थी| विजय द्वारा दी गई गुलाबी साड़ी पहन कर मैं पूरी तरह औरत बन चुकी थी|
हायमाया, कितनी सुन्दर लग रही हो तुम!
फिर मैंने अपने खुले हुए बालो का स्टाइलिश जूडा भी बना दिया|
इस पूरे तैयार होने के दौरान मेरे बॉस का फ़ोन आया कि माया जल्दी रिसेप्शन पर मिलो , मैं 10 मिनट बाद पहुंची और फिर हम कार में बैठकर घर पहुंचे। मेरा फ्लैट चुका था मैं कार से उतरकर लिफ्ट की ओर जाने लगी तो मेरी पड़ोसन ने मुझसे बात करने के लिए आवाज़ लगा ली मैं उससे कुछ बात करने लगी तो मेरा ध्यान लिफ्ट के पास गया वहां कोई खड़ा था उसे देखने के लिए मैंने बाद में मिलकर बात करने का बहाना बनाकर लिफ्ट के पहुंची, लेकिन इतने में वो वहां से गायब हो गया था।
उसके बाद मैं लिफ्ट से अपने फ्लैट पर पहुंची जिसके बाहर नेम प्लेट पर विजय और माया लिखा हुआ था, मैं अपनी चाबी से लॉक खोलकर एंटर हुई 
तो देखा विजय सोफे पर बैठकर ड्रिंक कर रहे थे और टीवी पर मल्लिका सहरावत और इमरान हाशमी का वीडियो सांग भीगे होंठ तेरे प्यासा मन मेरा देख रहे थे।
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विजय ने मुझसे कहा- माया आई वांट टू किस यू!
मैंने सिर्फ मुस्कुरा कर उसको देखा।
वो बोला- इधर आओ माया, मेरी गोद में आओ।
मैंने पहले थोड़ा नखरा सा किया, थोड़ा डर भी लग रहा था क्योंकि आजकल विजय को pain & pleasure वाला संभोग अधिक अच्छा लगता था इसलिए वो दवाई खाकर संभोग करता था। मगर मन में धधक रही काम ज्वाला ने मेरा सारा डर, वहम जला डाला।
मैं उसके पास गई उसने मुझे अपनी गोद में लेटा लिया। मेरे बाल सेट करके उसने अच्छे से मुझे अपनी बाजू के सिरहाने पर मेरा सर रख कर लेटा लिया। उसकी एक बाजू मेरे सर के नीचे थी, तो दूसरी बाजू मेरे पेट पर उसने रख रखी थी।
हम दोनों में एक अजब सी सनसनी दौड़ रही थी। उसने मेरे गाल पर से मेरे एक दो बाल हटाये, एक दूसरे की आँखों में देखते हुये, बिना कुछ भी बोले वो नीचे को झुका और फिर उसके होंठ मेरे होंठों से छूये। पहले हल्के से, मगर फिर उसने अपने दोनों होंठ मेरे होंठों से चिपका दिये, और अपने होंठों में मेरा ऊपर वाले होंठ को पकड़ लिया।
क्या मज़ा आया यारक्या सर्र सर्र करते हुये एक झनझनाहट मेरे होंठों से होकर मेरे बूब्स के निप्पल से होकर, मेरी नाभि के नीचे से होकर मेरी पैंटी के अंदर तक जा पहुंची।
मुझे बहुत ज़्यादा रोमांच महसूस हुआ।
मगर जो भी था, बहुत ही मज़ेदार था।
उस एक चुम्बन के बाद उसने मुझसे पूछा- कैसा लगा माया?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा।
उसने पूछा- और एक हो जाए, और लंबा और पैशनेट?
मैंने अपना सर हिला कर उसको मंजूरी दे दी।
इस बार उसने मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लिया और ऐसा चूस दिया जैसे कोई रसीला आम चूसता है.
बाद में पता चला कि बूब्स के निप्पल भी ऐसे ही चूसे जाते हैं, और ( ) भी इसी तरह से चूसा जाता है।
मगर ये नीचे वाला होंठ चूसना भी कम घातक नहीं था, इसने तो मेरी जान निकाल दी। होंठ चूसते हुये उसने अपनी जीभ की नोक से मेरे होंठ को सहलाया और चाटा। उसकी जीभ में तो दवाई खाने के बाद तो जैसे जादू था।
मैंने अपना हाथ उसकी गर्दन के पीछे रखा और उसका मुंह अपने मुंह से चिपका लिया किचूस यार, और ज़ोर से चूस!’
फिर उसने अपनी जीभ मेरे दोनों होंठों के बीच में घुमाई और मेरे दोनों होंठों ने उसे रास्ता दिया, और उसकी जीभ मेरे मुंह के अंदर चली गई, मैंने भी अपनी जीभ आगे की, उसकी जीभ से मेरी जीभ टकराई, और दोनों जीभें एक दूसरे को प्यार करने लगी।
तब मुझे ऐसे लगा जैसे मेरी पैंटी के अंदर से पानी की एक बूंद रिस गई हो। उसके चुम्बन में मैं ऐसी बेसुध हुई कि कब उसका हाथ मेरे सीने पर गया, मुझे पता ही नहीं चला। मेरे बूब्स को उसने अपने हाथ में पकड़ कर बड़े अच्छे से मगर आराम से दबाया. पहले हल्का और फिर थोड़ा मजबूती से।
मैंने उसे नहीं रोका क्योंकि उसके दबाने से मुझे अच्छा लग रहा था। मेरे 36 साइज़ के बूब्स को उसने पूरा ऊपर से नीचे और अगल बगल से हर तरफ से पकड़ कर सहलाया, दोनों बूब्स को अच्छे से दबा दबा कर वो मजे ले रहा था.
मैंने भी उसे खुली छूट दी, एक बार भी उसे नहीं रोका क्योंकि मैं तो उसके चुम्बन में ऐसी मस्त हुई कि अब मैं खुद अपनी जीभ उसके मुंह में डाल डाल उसके होंठ चूस रही थी।
फिर हम थोड़ा सा रुके, वो बोला- गर्म हो गई हो?
मैंने कहा- मुझे नहीं पता।
वो अब बिना मेरे होंठ चूमे भी मेरे बूब्स दबा रहा था, मैंने फिर से उसका सर नीचे को झुकाया, मगर इस बार उसने मेरे होंठ नहीं चूमे, बल्कि मेरी गर्दन, मेरे कान के पास, मेरी ठुड्डी, और आस पास चूमा। इससे मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी, मैं हंस पड़ी, उसे रोका भी- नहीं यार ऐसा मत करो, मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है।
मगर वो नहीं माना उसी तरह गुदगुदी करके मुझे तड़पाता रहा।
असल में वो मेरे गुदगुदी नहीं कर रहा था. वो मुझे और गर्म कर रहा था ताकि मैं उसकी किसी भी बात के लिए उसे रोक ही सकूँ। और इसी तरह मुझे गुदगुदाते हुये, तड़पाते हुये उसने अपना हाथ मेरे बूब्स से उठा कर सीधा मेरे दोनों जांघों के बीच में फंसा दिया.
मगर मैं तो उसके चूमने चाटने से बेसुध सी हो रही थी तो जब उसने अपने हाथ की उँगलियों से मेरी पैंटी के ऊपर से ही सहलाया, तो मुझे एकदम से झटका सा लगा।
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मैं ब्रा और पैंटी में थी इसलिए उस वक्त कयामत लग रही थी फिर मैंने उसके सारे कपड़े उत्तर दिया वह बिल्कुल नंगा हो गया जब मैंने देखा तो मैं हैरान हो गई उसका ** दवाई के कारण 9 इंच का हो गया था फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी पेंटी नहीं
मैं अधनंगी हो गई फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और हम दोनों एक दूसरे के सीने पर हाँथ से फिराने लगे | मुझे बहुत ही प्यारा एहसास लग रहा था और मैं सोच रहा था कि जैसा मुझे लग रहा है शायद उसको भी वैसा ही लग रहा होगा। थोड़ी ही देर में वो मेरे ऊपर टूट पड़ा और मेरे बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा उसके स्पर्श करने और दबाने से मुझे बहुत मजा रहा था
उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने ## पर रख दिया मैं उसके ## को हिलाने लगी | जब उसका ## खड़ा हो गया तो मैं उसे जीभ से चाटने लगी तो उसके मुँह से आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | मैं उसके ## को चाटते हुए उसके #.कोष को भी सहला रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रहा था | उसके बाद मैं उसके #.कोष को भी चूसने लगी तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह पर अपने ## को पटकने लगा | उसके बाद मैंने उसके ## को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी 
और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे बाल को सहलाने लगा |
मैं उसके ## को जोर जोर से आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह को cho रहा था और ## चुसाई के मजे ले रहा था |
मैंने उसके ## को करीब 30 मिनट तक चूसा | फिर कुछ देर के बाद उसने मेरी पैंटी को उतार दिया।
उन्होंने पहले मेरे पैरों को चूमा. पंजों के हर भाग पर चूमते हुए वो आगे बढ़े. अब मेरा पूरा बदन लड़कियों की तरह चिकना हो गया था. पंजे के बाद वो पैरों को चूमते हुए जाँघों तक आये. फिर उन्होंने मेरे शरीर पर कोई दस हजार चुम्बन किये होंगे. केवल मेरे # और उसके आसपास के भाग को छोड़कर उन्होंने सब जगह चूमा. अब भी मेरा # खड़ा नहीं हुआ था. मुझे अच्छा लगा.
उन्होंने मुझे उलटा लिटा दिया और पैर चौड़े कर दिए.
मैं उठी और तेल अपनी गा# पर लगा लिया और विजय के सामने अपनी गा# करके घोड़ी बन गयी और कहा- मेरे राजा, मेरी गा# को अपने # से भर दो। मैं तुम्हारे # को अपनी गा# में लेने के लिए प्यासी हो रही हूँ।
यह सुनना ही था कि उसने मेरी गा# को थाम लिया और अपना लौ## मेरी गा# के छेद पर रख दिया। मैं भी आगे को झुक गयी और पहले से ही चादर को पकड़ कर दर्द सहने के लिए खुद को तैयार करने लगी।
अब उसने अपने लौ## पर भी थोड़ा तेल लगा लिया जिससे चिकनाहट आये, अब वो अपनी जान (माया) की गा# फाड़ने के लिए तैयार था.
उसने थोड़ा सा धक्का दिया जिससे टोपे का थोड़ा ही हिस्सा गा# के अंदर जा पाया और मेरी चीखें निकल गयीं 
और मैं रोने लगी। उसने मुझ पर रहम करने के लिए जैसे ही लौ## को निकालना चाहा तभी मैं बोली- जान, मैं कितनी भी रोऊँ या चिल्लाऊं मगर तुम अपना काम पूरा करना। मुझे जितना भी दर्द हो, मैं तुम्हारे लिए सब कुछ सह लूंगी। बस तुम मुझे आज हर छेद से चो- कर छलनी बना दो.
यह सुन कर उसने फिर से लौ# थोड़ा तेज़ी के धक्के के साथ अंदर किया जिससे मेरी गा# में उसका आधे से ज्यादा लौ# चला गया और गा# अंदर से छिल गयी और शायद उसका # भी।
फिर भी उसने इस बार आखरी धक्का देने के लिए # को थोड़ा पीछे खींच कर एक और धक्का दे दिया जिससे पूरा 9″ का # अब मेरी कोमल गा# में घुस गया। मैं तो जैसे पूरा दर्द अपने अंदर ही समेट कर रह गयी विजय के लिए। उसे मुझ पर और ज्यादा प्यार आने लगा फिर भी उसने अपना # अंदर घुसा कर ही रखा। थोड़ी देर तक वो मेरी पीठ को चूमता रहा। मेरे बूब्स को दबाता रहा।
जब मैं फिर से मूड में गयी तब मैंने खुद उसकी तरफ देखा और विजय से बोली- जान, चो-दो मेरी गा# को। तुम्हारे # को लेकर मुझे बहुत सुख मिल रहा है। मेरी गा# को खरोंचों अपने # से प्लीज़। खून निकाल दो इसका जिससे कि मेरी इस खुजलाती गा# की खुजली ख़त्म हो जाए।
मेरी ऐसी बातें सुन कर उसे भी जोश चढ़ने लगा और वो मेरी गा# थाम कर मेरी गा# चु-दाई करने लगा। मैं हर एक धक्के के साथ आगे को झुक जाती मगर फिर से उसी स्पीड से वापस अपनी गा# को धकेल देती। जिससे उसे भी काफी मज़ा आने लगा था। इसी बीच मैं अपने बूब्स को मसल रही थी।
यह देख कर उसने कहा- जान तुम्हारे पति को यह करने का मौका दो।
मैं यह सुन के मुस्कुराते हुए अपना हाथ हटा कर उसका हाथ अपनी बूब्स पर ले गयी. वो मेरी गा# मारते हुए कभी बूब्स के निप्पल मसल देता तो कभी मेरी गा# पर थप्पड़ मार देता।
जोरदार चु-दाई की वजह से मैं चिल्ला रही थी- चोदो मुझे मेरे राजा। फाड़ दो मेरी गा# को। तुम्हारा लौ# मैं पूरा महसूस कर रही हूँ अपनी गा# में। चो-दो मुझेउम्म्हअहहहययाहआआहजोर लगाओ और चो-दो मुझे।
उसे भी जोश रहा था मेरी ऐसी बातों से और वो गा# मारते हुए थप्पड़ लगाये जा रहा था। इस वज़ह से मेरी गा# लाल हो चुकी थी और मैं अब झड़ने वाली थी। इस रोमांचक चु-दाई के खेल में। थोड़ी देर बाद मेरे # का रस निकल गया जब मैं इस तरीके से झड़ी तो इतनी जोर से चिल्लाई कि पूरे घर में आवाज़ गूँज गयी।
किंतु मेरी गा# को चोदने की विजय की ललक अभी ख़त्म नहीं हुई थी और ही उसका पानी अभी निकला था। वो मुझे घोड़ी बना कर मेरी गा# मारता ही जा रहा था। ऐसे ही 15-20 धक्कों के बाद उसका माल निकलने को हुआ तो उसने मुझसे पूछा- “कहां निकालूँ मेरी जान? मुँह में लोगी या गा# में? या फिर आज तुम्हें अपना बच्चा दे दूँ?
मैं मुस्कुराई और बोली- मेरी गा# में ही छोड़ दो जानू। गा# की प्यास भी बुझ जाएगी। बच्चा तो मैं तुम से लेकर ही रहूँगी। अभी तो हमारे पास पूरी जिन्दगी पड़ी है।
तब उसने धक्कों की रफ़्तार को तेज़ करते हुए मेरी गा# में ही अपना सारा माल छोड़ दिया। हांफते हुए वो मेरी बाजू में आकर लेट गया। फिर मैं भी उसकी छाती पर अपना सिर रख कर वहीं पर लेट गयी और विजय को चूमने लगी।
मैं बोली- जानू, ये लौ## हमेशा मेरा ही रहेगा। ऐसे चो-दता है कि बस लगता है इसको अपनी गा# और मुँह में लेकर ही जिन्दगी गुज़ार दूँ। चाहे जो भी हो मुझे अपने से अलग मत करना कभी भी। मैं गुलाम बन चुकी हूँ तुम्हारी। तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। तुमसे अलग होने के बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकती.
विजय ने भी जवाब में बस मुस्कुरा दिया और मेरे माथे को चूम लिया।
यह कहानी आप 
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वैसे तो ये सीरीज बहुत लंबी है प्रत्येक सीरीज का एक अलग नाम है लेकिन ये सीरीज ( और आया एक डॉग ) अभी पूरी नहीं हुई है इसका अगला भाग (और आया एक डॉग) II के नाम से कुछ ही दिनों में पोस्ट करूँगी।
आपको अपनी माया द्वारा लिखी गई कहानी कैसी लगी कमेंट और शेयर करके जरूर बताएं।
यदि क्रोस्सड्रेसिंग को लेकर आपकी कोई समस्या है तो नीचे दी हुई मेल ID पर सम्पर्क करें - mayatiwari1186@gmail.com

आपकी अपनी

माया लियॉन
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